Traveling in Shimla Now Costlier Than Georgia! Here's Why

SHIMLA में घूमना हुआ GEORGIA से भी महंगा! जानें क्यों?"

Traveling in Shimla Now Costlier Than Georgia! Here's Why

Traveling in Shimla Now Costlier Than Georgia! Here's Why

SHIMLA TOUR VS GEORGIA TOUR: गोवा अपनी बढ़ती लागत के लिए चर्चा में है, लेकिन Wisdom Hatch के संस्थापक Akshat Shrivastava का कहना है कि यह समस्या भारत के कई अन्य पर्यटन स्थलों पर भी गहराई से मौजूद है। उन्होंने हाल ही में X पर एक पोस्ट साझा करते हुए बताया कि भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों की कीमतें अब आश्चर्यजनक रूप से बढ़ गई हैं।

उन्होंने उदाहरण के रूप में कहा, “मनाली और शिमला जाएं—यहां की कीमतें जॉर्जिया से भी ज्यादा महंगी हैं। मुंबई की कीमतें दुबई से भी ज्यादा हैं। भारत के अधिकांश प्रमुख पर्यटन स्थल अब बेहद महंगे हो गए हैं। ऐसा क्यों है? क्योंकि हमारे REAL ESTATE की कीमतें बेहिसाब बढ़ रही हैं और यह कीमतें कम होने की संभावना नहीं है।”

REAL ESTATE महंगाई का असर आम जीवन पर 

उनकी पोस्ट पर एक यूजर ने प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने बताया कि रियल एस्टेट की कीमतों का असर किस प्रकार आम जीवन पर पड़ रहा है। उदाहरण के लिए,

  1. एयरपोर्ट पर ₹400 की चाय
  2. मॉल में ₹1,000 का पिज्जा
  3. एयरपोर्ट पर ₹150 प्रति घंटा पार्किंग शुल्क
  4. ₹100 करोड़ में एक 3 BHK घर की कीमत

यह सभी महंगाई के प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। उन्होंने यह बात भी जोड़ी  कि "हर कोई अपने REAL ESTATE निवेश या RETAIL को रिकवर करने की कोशिश कर रहा है।"

REAL ESTATE का असर TOURIST और HOSPITALITY पर 

रियल एस्टेट की ऊंची कीमतों का असर भारत के पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र पर भी पड़ा है। पर्यटकों के आवास, चाहे वह Budget Guesthouse हो या Luxury Resort, हर जगह कीमतों में वृद्धि हो रही है क्योंकि संपत्ति मालिक अपने निवेश को रिकवर करने के प्रयास में हैं। इसके अलावा, पर्यटक स्थलों पर रेस्टोरेंट, शॉप्स और एंटरटेनमेंट वेंडर्स भी उच्च ऑपरेटिंग खर्चों का सामना कर रहे हैं, जिसके कारण उपभोक्ता कीमतों में वृद्धि हो रही है।

पर्यटक और गैर-पर्यटक क्षेत्रों में संपत्ति की कीमतों में अंतर

डेटा के अनुसार, पर्यटक क्षेत्रों में प्रॉपर्टी की कीमतें सामान्य क्षेत्रों की तुलना में काफी ज्यादा हैं। औसतन, पर्यटक स्थलों पर प्रॉपर्टी की कीमत ₹21,600 प्रति वर्ग फीट है, जबकि गैर-पर्यटक क्षेत्रों में यह ₹8,500 प्रति वर्ग फीट है, जो 150% से अधिक का अंतर है। अयोध्या जैसे क्षेत्रों में संपत्ति की कीमतें केवल कुछ वर्षों में दस गुना बढ़ गई हैं, जबकि बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे शहरों में कुछ क्षेत्रों में 2019 से अब तक 90% तक की वृद्धि देखी गई है।

भारत का REAL ESTATE क्षेत्र: 

वृद्धि की राह पर कॉलीयर्स के अनुसार, भारत का रियल एस्टेट क्षेत्र अगले कुछ वर्षों में जबरदस्त वृद्धि करने के लिए तैयार है और 2030 तक $1 ट्रिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। बुनियादी ढांचे के विकास, बदलते कामकाजी रुझान और बढ़ते पर्यटन मांग के कारण यह वृद्धि हो रही है। लेकिन इस बढ़ती महंगाई के चलते, यात्रा और रोज़मर्रा की जिंदगी की अर्थव्यवस्था में बदलाव आ रहा है।